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CRIME AND PUNISHMENT / अपराध और दंड

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CRIME AND PUNISHMENT / अपराध और दंड

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अपराध और दंड पहली बार 1866 में 'द रशियन मैसेंजर' नाम की साहित्यिक पत्रिका में बारह हिस्सों में छपी थी। उसी साल ये एक किताब के रूप में भी छपी थी। साइबेरिया से लौटने के बाद ये दोस्तोएव्स्की का दूसरा बड़ा उपन्यास था और इसे उनके परिपक्व दौर का पहला महान उपन्यास माना जाता है।

इस उपन्यास की कहानी रोडियन रोमानोविच रास्कोलनिकोव नाम के एक गरीब, पूर्व छात्र के इर्द-गिर्द घूमती है। वह सेंट पीटर्सबर्ग में रहता है। वह मानसिक परेशानी और नैतिक उलझनों में फंसा रहता है। रास्कोलनिकोव एक चाल बनाता है और एक नफरत की जाने वाली सूदखोर बूढ़ी औरत की हत्या करने की योजना बनाता है, ताकि उसके पैसे लेकर अपनी गरीबी दूर कर सके। वह यह भी सोचता है कि इस तरह वह दुनिया से एक बुरी और बेकार इंसान को हटा देगा। रास्कोलनिकोव चाहता है कि वह एक असाधारण इंसान बने, जैसे नेपोलियन। वह मानता है कि किसी ऊँचे मकसद के लिए हत्या करना सही है।

दोस्तोएव्स्की ने 'अपराध और दंड' का विचार 1865 की गर्मियों में सोचा था। तब तक उन्होंने अपनी ज्यादातर जमा-पूंजी जुए में हार दी थी, और वे अपने बिल तक नहीं चुका पा रहे थे, खाने को भी पैसे नहीं थे। उस समय वे बहुत कर्ज़ में डूबे थे और अपने भाई मिखाइल के परिवार की मदद भी कर रहे थे, जो 1864 में मर गए थे। शुरू में इस प्रोजेक्ट का नाम 'द ड्रंकर्ड्स' रखा गया था और ये शराब की लत की समस्या पर आधारित थी। लेकिन जब दोस्तोएव्स्की ने रास्कोलनिकोव और उसके अपराध का किरदार गढ़ा, तो उन्हें पियेर फ्रांस्वा लाकनेयर की कहानी से भी प्रेरणा मिली। शराब वाला विषय बाद में मार्मेलादोव परिवार की कहानी में चला गया।

दोस्तोएव्स्की ने अपनी यह कहानी (तब तक वे इसे उपन्यास नहीं बल्कि एक छोटी कहानी मान रहे थे) प्रकाशक मिखाइल कटकोव को ऑफर की। कटकोव की मासिक पत्रिका 'द रशियन मैसेंजर' अपने समय की बहुत प्रसिद्ध पत्रिका थी। इसमें इवान तुर्गनेव और लियो टॉल्स्टॉय जैसे बड़े लेखकों की भी रचनाएँ छपती थीं। सितंबर 1865 में कटकोव को लिखे अपने पत्र में दोस्तोएव्स्की ने बताया कि यह कहानी एक ऐसे युवक के बारे में है जो "कुछ अजीब, अधूरी और हवा में तैरती विचारधाराओं" के आगे झुक जाता है। दोस्तोएव्स्की समाज में उभरते 'कट्टरपंथी' विचारों के नैतिक और मनोवैज्ञानिक खतरों को इस उपन्यास में दिखाना चाहते थे। नवंबर 1865 में लिखे गए पत्रों में उन्होंने इस कहानी को 'उपन्यास' बनाने का फैसला किया।

समय कम था, इसलिए दोस्तोएव्स्की को 'द गैम्बलर' और 'अपराध और दंड', दोनों को पूरा करने के लिए तेज़ी से काम करना पड़ा। इस मुश्किल वक्त में अन्ना स्निटकिना नाम की एक स्टेनोग्राफर ने उनकी बहुत मदद की, जो बाद में उनकी दूसरी पत्नी बनीं। उपन्यास का पहला हिस्सा जनवरी 1866 में 'द रशियन मैसेंजर' में छपा और आखिरी हिस्सा दिसंबर 1866 में छपा। पहला हिस्सा छपते ही बहुत लोकप्रिय हो गया। एक अनाम समीक्षक ने लिखा, "यह उपन्यास लेखक की सबसे अहम रचनाओं में एक होने वाला है।" लेखक निकोलाय स्ट्राखोव ने याद किया कि 1866 में रूस में 'अपराध और दंड' सबसे चर्चित किताब थी।

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